खीरा (Cucumber) की खेती भारत में एक बहुत ही लाभदायक Business बन चुकी है। यह कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है। इसकी मांग हमेशा बाजार में बनी रहती है, खासकर गर्मियों में। अगर सही तकनीकों का पालन किया जाए, तो आप प्रति महीने 1 लाख रुपये या उससे अधिक कमा सकते हैं।
खीरा की खेती के लिए आवश्यक जलवायु और मिट्टी
जलवायु
- खीरा गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से उगता है।
- इसे 20 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
- ठंड और पाले से यह फसल प्रभावित होती है।
मिट्टी
- दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सर्वश्रेष्ठ होती है।
- पीएच मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
- अच्छी जल निकासी वाली भूमि होनी चाहिए।
उपयुक्त किस्में
खीरा की खेती के लिए सही किस्म का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। कुछ प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं:
- पूसा उदयन – अच्छी उपज देने वाली किस्म
- पूसा संयोग – रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक
- पार्थेनोकार्पिक किस्में – ग्रीन एग्रो, किआरा आदि
- हाइब्रिड किस्में – ग्रीन लॉन्ग, फनटास्टिक हाइब्रिड
खेत की तैयारी
- सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें।
- 15-20 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ में डालें।
- 10-15 दिन के लिए खेत को धूप में छोड़ दें।
- पाटा चलाकर मिट्टी को समतल करें।
बीज चयन और बुवाई
बीज का चयन
- उन्नत किस्मों और हाइब्रिड बीजों का चयन करें।
- 2-3 ग्राम बीज प्रति वर्ग मीटर पर्याप्त होता है।
बुवाई का सही समय
- ग्रीष्म ऋतु: फरवरी-मार्च
- बरसात: जून-जुलाई
- सर्दी: सितंबर-नवंबर
बुवाई की विधि
- कतारों के बीच 4-5 फीट की दूरी रखें।
- बीज को 1.5 से 2 सेमी गहराई में बोएं।
- 2-3 बीज एक साथ बोएं और अंकुरण के बाद कमजोर पौधों को हटा दें।
उर्वरक और खाद Management
- गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करें।
- रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर करें।
- नाइट्रोजन: 60-80 किग्रा/हेक्टेयर
- फॉस्फोरस: 40-50 किग्रा/हेक्टेयर
- पोटाश: 30-40 किग्रा/हेक्टेयर
सिंचाई Management
- गर्मी में 3-4 दिन में एक बार सिंचाई करें।
- वर्षा ऋतु में कम सिंचाई की जरूरत होती है।
- टपक सिंचाई (Drip Irrigation) का उपयोग करें, जिससे पानी की बचत होगी।
खरपतवार Control
- 15-20 दिन के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करें।
- मल्चिंग (Mulching) करने से खरपतवार कम होंगे।
रोग और कीट Control
प्रमुख रोग
- पाउडरी मिल्ड्यू: सल्फर आधारित दवा छिड़कें।
- डाउनी मिल्ड्यू: बोर्डो मिश्रण का छिड़काव करें।
- मोज़ेक वायरस: रोगी पौधों को हटा दें।
प्रमुख कीट
- सफेद मक्खी: नीम तेल का छिड़काव करें।
- एफिड्स: इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें।
- फल मक्खी: ट्रैप लगाकर नियंत्रण करें।
फसल की तुड़ाई और उत्पादन
- बुवाई के 40-50 दिन बाद फल तैयार हो जाते हैं।
- 2-3 दिन के अंतराल पर तुड़ाई करें।
- प्रति एकड़ 100-150 क्विंटल उत्पादन संभव है।
मार्केटिंग और बिक्री
- लोकल मंडियों में बिक्री करें।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Amazon, Flipkart) पर बेचें।
- सुपरमार्केट और होटल्स से संपर्क करें।
मुनाफा और संभावित कमाई
- खर्च: ₹40,000 – ₹50,000 प्रति एकड़
- कमाई: ₹1,50,000 – ₹2,00,000 प्रति एकड़
- लाभ: ₹1,00,000 प्रति माह संभव
Its Conclusion
खीरा की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है। यदि आप सही तकनीकों और सही रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप महीने का 1 लाख रुपये आसानी से कमा सकते हैं।